Page 9 - Digital Aarti Sangrah
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ी दशावताराची आरती




                                 आरती स ेम, जय जय  व ल पर  ।  ु.





                                 भ तसंकटी, नाना व पी  थापु न  वधम ।

                                     अंबऋषीकारणे, गभा वास सोशीसी।

                                      वेद नेले चो  न,   हाणु नया देसी।


                                 म  य पी नारायण, स तही सागर धुंडीसी।

                                    ह तलागता तुझा, शंखासुरा वर देसी।

                                 आरती स ेम जय जय  व ल पर  ॥१॥





                                   रसातळासी जाता, पृ वी पाठ वर घेसी।

                                   परोपकारासाठ , देवा कासव झालासी।


                                 दाढे ध  न पृ वी नेला, वराह  पी होसी।

                                      हादकारणे, नरहरी  तंभे गुरगुरासी।

                                 आरती स ेम जय जय  व ल पर  ॥२॥





                                 पाचवे अवतार, बळ  या  ाराला ग जासी।

                                  मशी  थळ मागूनी, बळ ला पाताळ  नेसी।


                                  सव  अप ण के ले,  हणू न  स   या होसी।

                                   वामन प ध न बळ  या,  ारी  त सी।


                                 आरती स ेम जय जय  व ल पर  ॥३॥




                                   सह ाजु न मातला, जननीचा वध के ला।


                                  कवटी रेणुके   हणुनी, सह ाजु न व धला।

                                      न    य पृ वी, दान  दली  व ाला।

                                      सहावा अवतार, परशुराम  गटला।


                                 आरती स ेम जय जय  व ल पर  ॥४॥
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