Page 15 - Digital Aarti Sangrah
P. 15
जय संतोषी माता आरती
म तो आरती उता रे, संतोषी माता क ।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ।
बड़ी ममता ह,ै बड़ा यार माँ क आंखा म ।
बड़ी क णा दया लार, माँ क आंखा म ।
या न देखूं म बारंबार, माँ क आंखा म ।
दखे हर घडी, दखे हर घडी नया चम कार, माँ क आंखा म ।
नृ य क ं झ म झ म झ म, झूम झूम झांक नहा ं रे।
ओ यारी यारी झांक नहा ं रे।
म तो आरती उता रे, संतोषी माता क ।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥ १॥
सदा होती ह ै जयजयकार, माँ के मं दर म ।
नत झांझर क होय, झनकार माँ के मं दर म ।
सदा मंजीरे करते, पुकार माँ के मं दर म ।
दखे हर घडी, दखे हर घडी नया चम कार, माँ के मं दर म ।
दीप ध ं धूप क ं ेम, स हत भ त क ं जीवन सुधा ं रे।
ओ यारा यारा जीवन सुधा ं रे।
म तो आरती उता रे, संतोषी माता क ।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥ २॥

