Page 3 - Digital Aarti Sangrah
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ी गणपतीची आरती (श  र लाल चढाओ)



                                  xश  र लाल चढाओ, अ ा गजमुखको।


                                    दा  दल लाल  बराजे, सुत गौरीहरको।

                                       हाथ  लये गुडल , साइ  सुरवरको।


                                    म हमा कह े न जाय, लागत ह ै पदको।

                                     जय जयजी गणराज  व ासुखदाता,


                                    ध य तुमारा दश न, मेरा मन रमता॥  ु.





                                     अ ौ  स ी दासी, संकटको ह ै बैरी।

                                     व न वनाशन मंगल-मूरत अ धकारी।


                                      कोटीसूरज काश, एसे ी छबी तेरी।

                                    गंड थलमदम तक, झूले श श बहारी।


                                          जय जयजी गणराज...॥१॥





                                      भावभगतसे कोइ , शरणागत आवे।

                                        संतत संपत सबही, भरपूर पावे।


                                     एसे े तुम महाराज, मोको अ त भावे।

                                       गोसांवीनंदन  न श दन, गुन गावे।


                                          जय जयजी गणराज...॥२॥
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